भारत के विभाजन के समय पंजाब का लगभग 80% सिंचाई क्षेत्र पश्चिमी पाकिस्तान में चला गया, साथ ही भारत के पास बहुत कम सिंचाई के संसाधन रह गए । विशाल भाखड़ा-नंगल और ब्यास परियोजना ने परिस्थिति को बदला और उत्तरी भारत को राष्ट्र के अन्न भंडार में परिवर्तित
कर दिया । बीबीएमबी के बांध साल दर साल डाऊनस्ट्रीम के क्षेत्रों को बाढ़ से बचा रहे हैं । यहां तक कि भाखड़ा बांध ने वर्ष 2005 में चीन में पार्चू झील में विस्फोट को भी अपने में समाहित कर लिया साथ ही इसका दुष्टप्रभाव डाऊनस्ट्रीम क्षेत्रों पर भी नहीं पड़ा ।
विद्युत उत्पादन
सीईए द्वारा तय किए गए विद्युत उत्पादन के लक्ष्यों को बीबीएमबी द्वारा प्रत्येक वर्ष पीछे छोड़ दिया जाता है । वर्ष 2016-17 के दौरान 10634.41 मिलियन यूनिटस का विद्युत उत्पादन किया गया जोकि निर्धारित लक्ष्य 9536 मिलियन यूनिटस से 11.52% अधिक
था । वर्ष 2017-18 के दौरान 10880.691 मिलियन यूनिटस का उत्पादन किया गया जोकि निर्धारित लक्ष्य 9360 मिलियन यूनिटस से 16.25% अधिक है । वर्ष 2018-19 के दौरान 9425.00 मिलियन यूनिटस के लक्षय की तुलना मे 10190.264 मिलियन यूनिटस का उत्पादन किया गया, जोकि लक्षय
से 8.12% अधिक है । बाद में बीबीएमबी ने केन्द्रीय विदयुत प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए निर्धािरित लक्ष्य 9470 मिलियन यूनिट को पीछे छोडते हुए 04.12.2019, 6.00 पूर्वाहन 9473.20 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया। तत्पश्चात बीबीएमबी के
विदयुत गृहों ने निर्धारित लक्ष्य से 28.63% अधिक विदयुत उत्पादन किया और बीबीएमबी केे विदयुत गृहों की उत्पादन मशीनों की संयत्र उपलब्धता 98.94% हुई जो कि देश में अधिकवमों में से एक है इसके अतिरिक्त बीबीएमबी के सभी विदुयत गृहों ने केन्द्रीय विदयुत प्राधिकरण
द्वारा प्रत्येक के लिए निर्धारित उत्पादन लक्ष्यों को पीछे छोडा और निर्धारित लक्ष्य 9470 मिलियन यूनिट के विरद्व 12,176 मिलियन यूनिट का कुल उत्पादन किया इष्टतम उत्पादन सारणी और उपलब्धता आधारित प्रशुल्क रिसिम की निकटतम निगरानी रखते हुए वर्ष 2019-20
में बीबीएमबी ने अतिरिक्त राजस्व 25.32 करोड प्राप्त किए।
भाखड़ा ब्यास प्रबन्ध बोर्ड ने केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 (31 मई 2020 तक) के लिए निधार्रित 1447 मिलियन यूनिट के विद्युत उत्पादन लक्ष्य को पीछे छोड़ते हुए 2065.44 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया जो लक्ष्य से 42.74% अधिक है।
हाल ही में बीबीएमबी ने केन्द्रीय विदयुत प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2020-21 के प्रथम तिमाही, समाप्ति जून, 2020 केे लिए निर्धारित लक्ष्य को पीछे छोड दिया। बीबीएमबी के विदयुत गृहों ने निर्धारित लक्ष्य 2543 मिलियन यूनिट की तुलना में 3326 मिलियन यूनिट विदयुत उत्पादन
किया, जो कि लक्ष्य से 31% अधिक है। इस वर्ष, समाप्ति दिसंबर 2020,
में भी बीबीएमबी ने 121.38% ऊर्जा का उत्पादन करके सीईए द्वारा निर्धारित किए गए उत्पादन लक्ष्य को पार कर लिया
है। बीबीएमबी ने सीईए द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 (31 दिसंबर 2020 तक) के लिए
निर्धारित 7930 मिलियन यूनिट के विद्युत उत्पादन लक्ष्य को पीछे छोड़ते हुए 9625.64 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया जो लक्ष्य से 21.38% अधिक है।
हाल ही में, बीबीएमबी ने सीईए द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतिम तिमाही (
31 मार्च, 2021 तक ) के लिए निर्धारित 9600 मिलियन यूनिट के विद्युत उत्पादन लक्ष्य को पीछे छोड़ते हुए
11482.05 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया जो लक्ष्य से 19.60 %
अधिक है।
मशीनों की कीर्तिमान उपलब्धता
क्षेत्र में विशालतम हाइड्रो इलैक्ट्रिकल कॉंम्पलेक्स होने के नाते बीबीएमबी प्रतिदिन उत्तरी ग्रिड के परिचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बीबीएमबी के विद्युत गृह, ग्रिड को व्यस्ततम समय में अतिआवश्यक विद्युत उपलब्ध करवाते हैं, जिससे कि थर्मल स्टेशन
बेस लोड पर काम करने में सक्षम होते है। विद्युत गृह में ग्रीष्म ऋतु में 1900 एम.डब्लयू और 2800 एम.डब्लयू के बीच तथा शीत ऋतु में 500 एम.डब्लयू तथा 1900 एम.डब्लयू के बीच लचीले उत्पादन द्वारा ग्रिड के फ्रीक्यून्सी रेगुलेशन में सहायता प्रदान करते हैं ।
पिछले पांच वर्षों 2013-14 से 2017-18 की बीबीएमबी विद्युत गृहों की औसतन वार्षिक संयंत्र उपलब्धता लगभग 97.51% है । वर्ष 2018-19 के दौरान बीबीएमबी की उत्पादन इकाइयों के संचयी मशीनों की उपलब्धता 97.95% रही। भाखड़ा दायां किनारा विद्युत गृह की मशीन उपलब्धता अधिकतम
99.98% रही। पारेषण लाइन उपलब्धता लगभग 99% है । अप्रैल, 2019 से नवम्बर ,2019 तक बीबीएमबी की उत्पादन इकाइयों के संचयी मशीनों की उपलब्धता 98.62% थी तथा उक्त अवधि में पारेषण उपलब्ध्ता 99.84% थी ।
1 अप्रैल, 2020 से 31 मई 2020 तक बीबीएमबी की उत्पादन इकाइयों के मशीनों की उपलब्धता 99.66% रही तथा उक्त अवधि में पारेषण उपलब्धता 99.81% रही। वर्ष 2019-20 के दौरान संयत्र उपलब्धता पिछले वर्ष 2018-19 में 97.95% की तुलना में 98.94 पाई गई इसके अतिरिक्त वर्ष
2019-20 के दौरान बीबीएमबी ने अब तक तक सबसे अधिक संयत्र उपलब्धता प्रणाली वर्ष 2018-19 के दौरान 99.69% की तुलना में 94.82% दर्ज की।
आरएमएडयू को छोडकर 1अप्रैल 2020 से 31 मई 2020 की अवधि के संयंत्र की उपलब्धता 99.66 है और 1 अप्रैल 2020 से 31 मई 2020 की अवधि में पारेषण प्रणाली की उपलब्धता 99.81 है हाल ही में वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही जून 2020 को समाप्त में बीबीएमबी विदयुत
गृह की संयंत्र उपलब्धता 99.15 दर्ज की गई, जो कि राष्टीय स्तर पर 91.84 दर्ज की गई जो िकि हाइडो उत्पादन स्टेशनों के लिए 98.5 की मानक उपलब्धता से बहुत अधिक है। यहां यह उल्लेखनीय है कि बीबीएमबी के उत्पादन केन्द्रों की सारणाी जून, 2016 से उपलब्धता आधारित
प्रशुल्क के अंतर्गत आ गया है। विलयन निपटान तंत्र के माध्यम से जून, 2020 तक समाप्ति तक 92.47 करोड रूपये अर्जित किए। हाल ही में, वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए दिसंबर, 2020 तक बीबीएमबी पावर हाउस की संयंत्र उपलब्धता 96.32% के रूप में दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय
स्तर पर परिचालन उपलब्धता % से ऊपर है। यह बीबीएमबी के उत्पादन केन्द्रों चौबीसों घंटे और मशीनों के उपलब्ध संसाधनों के इष्टतम उपयोग और वास्तविक समय उत्पादन सारणी/वास्तविक उर्जा उत्पादन की करीब से निगरानी द्वारा प्राप्त किया गया था।
हाल ही में, जनवरी, फरवरी और मार्च 2021 के लिए संयंत्र की उपलब्धता क्रमशः 99.21%, 99.14% और 99.37% है और मार्च 2021 तक कुल संचयी मशीन की उपलब्धता 97.04% है जो देश में सबसे अधिक है। पारेषण उपलब्धता 99.82% के रूप में दर्ज की गई है जो हाइड्रो जनरेटिंग स्टेशनों
के लिए 98.5% की मानक उपलब्धता से बहुत अधिक है।
इसके अतिरिक्त, बीबीएमबी देश के उतरी क्षेत्र को िनिरन्तर जल और उर्जा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्व है। सरकार के लाकडाउन और सामाजिक दूरी से संबंधित िदिशा िनिर्देशों का अनुपालन करते हुए बीबीएमबी अपने िविदयुत घरों और उपकेन्द्रों को आवश्यक जन शक्ति के
साथ चला रहा है। बीबीएमबी ने अपने सभी परियोजना स्थलों, उपकेन्द्रों तथा मुख्यालय में सभी आवश्यक सेवाओं को बनाए रखा है और कोविड-19 के विरूद्व राष्ट की लडाई में लोगों को अपने अस्पतालों की एम्बुलेसों को निशुल्क उपलब्ध करवाने तथा मानव और मशीनों की तैनाती
के माध्यम से निरन्तर योगदान कर रहा है। बीबीएमबी अपने सभी परियोजना स्थलों जो कि नंगल, तलवाडा बीएसएल परियोजना सुन्दरनगर और चंडीगढ में भी दैनिक मजदूरी करने वालों को भोजन और राशन की वस्तुएं प्रदान करने में सहायता प्रदान कर रहा है।
लगभग प्रत्येक वर्ष उच्च सिल्ट की स्थिति के दौरान, उतरी ग्रिड के बडे जल विदयुत केन्द्र बलपूर्वक बंद हो जाते है और ग्रिड को परेशानी की स्थिति में डालते है और बीबीएमबी अधिकतम विदयुत के उत्पादन द्वारा ग्रिड को इस कमजोर स्थिति से बाहर निकालता है।
लगभग प्रत्येक वर्ष उत्तरी ग्रिड के विशाल हाइड्रो विदयुत केन्द्रों का अत्याधिक गाद (सिल्ट) की परिस्थिति में जबरन बंद करना पड़ता है जिससे ग्रिड संकट में पड़ जाती है और बीबीएमबी इस संकट की स्थिति में ग्रिड को अधिकतम विद्युत आपूर्ति करके उभारता है ।
वर्ष 2017-18 के दौरान ग्रिड के फ्रीक्वेंसी रेगुलेशन में सहायता करते हुए कम से कम 400 मेगावाट और अधिक से अधिक 2500 मेगावाट के मध्य लचीला उत्पादन करती है । भाखड़ा द्वारा ग्रिड में ब्लैक स्टार्ट ऑपरेशन में सहायता प्रदान की जाती है ।
देहर विद्युत गृह की सभी छ: उत्पादन इकाइयां एक दशक से अधिक समय के बाद, माह अगस्त 2018 में व्यस्ततम समय (पीक आवर) में लगातार एक साथ चलाई गई ।
बीबीएमबी पहली बार देहर विद्युत गृह की सभी छ: उत्पादन इकाइयों को एक साथ, व्यस्ततम समय (पीक आवर) में प्रतिदिन डेढ़ घंटा चलाने में कामयाब रहा ।
एकीकृत प्रबंधन प्रणाली (आई.एम.एस) का क्रियान्वयन
आईएमएस कार्यान्वयन कार्यक्रम के तहत, संपूर्ण बीबीएमबी क्यूएमएस (आईएसओ 9001:2015), ईएमएस (आईएसओ 14001:2015) और ओएचएसएमएस (आईएस 18001:2007) के अंतर्गत आता है। वर्तमान में प्रबंधन प्रणाली के सभी प्रमाणीकरण बीआईएस (प्रमाणन निकाय) द्वारा जारी किए जा रहे हैं।
निरंतर सुधार के प्रयास में, बीबीएमबी पिछले संस्करण ओएचएसएमएस (आईएस 18001) को बदलकर नए स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली प्रमाणन यानी ओएचएसएमएस (आईएसओ/आईएस 45001:2018) प्राप्त कर रहा है।
इलैक्ट्रोनिक (इ) प्रिक्योरमैंट
10 लाख रूपये से ऊपर की थ्रेशोल्ड वेल्यू की खरीद के लिए ई-प्रिक्योरमैंट का कार्यान्वयन किया गया ।
इंटीग्रिटी पैक्ट
इंटीग्रिटी पैक्ट का कार्यान्वयन किया गया और दो स्वतंत्र बाहय मॉनीटरों की नियुक्ति की गई जिनके साथ नियमित बैठकें भी की जा रही हैं ।
राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने बाढ़ पूर्वानुमान (यानी अल्पावधि 3 दिन और मध्यम अवधि 7 से 10 दिन) के लिए चंडीगढ़ में अर्थ रिसीविंग स्टेशन (ईआरएस) की स्थापना की है ताकि भाखड़ा और पोंग जलाशयों और नहर नेटवर्क का इष्टतम उपयोग किया जा सके। विश्व बैंक
द्वारा वित्त पोषित जल विज्ञान चरण- II परियोजना के तहत बीबीएमबी देश में 'पहला प्रस्तावक' है।
इस परियोजना के तहत, 93 नं रियल टाइम डेटा अधिग्रहण स्टेशन स्थापित किये हैं जिसमें स्वचालित वर्षा गेज स्टेशन, स्वचालित पूर्ण जलवायु स्टेशन, हिमपात जल समतुल्य, जल स्तर रिकार्डर इत्यादि के साथ IMD के 6 नंबर को-ऑपरेटर स्टेशन एवं 10 नंबर ऑटोमैटिक स्टेज रिकॉर्डर
जो कि स्टेट ऑफ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सतलज और ब्यास नदी के जलग्रहण क्षेत्र में पार्टनर स्टेट्स के कॉन्टैक्ट पॉइंट्स पर लगाये गये हैं। रियल टाइम डिसीजन सपोर्ट सिस्टम की योजनाबद्ध व्यवस्था में INSAT-3D के माध्यम से चंडीगढ़ में पृथ्वी प्राप्त स्टेशन में 1
घंटे के अंतराल पर हाइड्रो-मेट्रोलॉजिकल डेटा का वास्तविक समय संचरण शामिल है।
रियल टाइम डेटा को रेनफॉल अपवाह मॉडल, हाइड्रो डायनेमिक मॉडल, फ्लड मॉडल और माइक सॉफ्टवेयर के जल आवंटन का उपयोग करके संसाधित किया जाता है। इसका परिणाम / परिदृश्य पीढ़ी आगे NHP डैशबोर्ड पर सभी को सांझा किया जाता है।
जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार ने विश्व बैंक के सहयोग से भारत में जल विज्ञान परियोजना चरण- II के कार्य और उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए भारत में राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना (NHP) की शुरुआत की है। इस आशय के लिए, BBMB को बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए
एवं मौजूदा डेटा अधिग्रहण प्रणाली (डीएएस) व वैकल्पिक मॉडल का विकास और संगठन में क्षमता निर्माण के साथ टेक्नोलॉजी विकास को मजबूत करने और विस्तार के लिए रु.30.00 करोड़ आवंटित किए गये हैं।
एनएचपी के तहत वार्षिक कार्य योजना 2020-21 पहले ही MoWR, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित कर दी गई है।
जल की आपूर्ति
भाखड़ा नंगल और ब्यास परियोजना, पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान राज्यों में हरित क्रान्ति एवं श्वेत क्रान्ति की अग्रदूत है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली राज्यों के लिए प्रत्येक वर्ष लगभग 34537.44 एससीएम (28 एमएएफ) जल की आपूर्ति की जा रही है, जो
135 लाख एकड़ जमीन को सिंचित करता है ।
विवेकपूर्ण जलाशय प्रबंधन, नज़दीकी निगरानी और मानसून के दौरान सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए बाधों के डाऊनस्ट्रीम नालों से अंर्तवाह का उपयोग करके, बीबीएमबी ने सतलुज और ब्यास नदियों का 0.674 मिलियन एकड़ फीट जल बचाया जो अन्यथा अन्तराष्ट्रीय सीमा के
डाऊनस्ट्रीम में चला गया होता ।
तकनीकी मापदंडों पर आधारित, बाधों के डाऊनस्ट्रीम नालों में बाढ़ के साथ किसी भी रिलीज़़ के समकालन (सिंक्रोनाइजेशन) से बचने के लिए पौंग जलाशय में बीबीएमबी ने 1393.30 फीट तक पानी का भन्डारण किया जिससे अंतत: पंजाब के निचले क्षेत्रों को बाढ़ की स्थिति से बचाया
गया ।
नवीनीकरण, आधुनिकीकरण और उन्नयन (आर.एम.यू)
भाखड़ा बांध विद्युत गृह (दायां किनारा) की सभी पांचों यूनिटों का नवीनीकरण, आधुनिकीकरण व उन्नयन 120 मैगावाट से 157 मैगावाट किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 185 मैगावाट की अतिरिक्त अधिष्ठापित क्षमता तथा 310 एम.यू. का अतिरिक्त वार्षिक उत्पादन हो रहा है
।
850KWP, 300KWP,175 KWP,100KWP, 60KWP, 20KWP और 80KWP सौर विद्युत संयंत्रों को चालू करना
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 175 KWP सौर संयंत्र को चालू करने का लक्ष्य दिनांक 13 अक्तूबर, 2017 रखा था । इस सौर विद्युत संयंत्र को निर्धारित तिथि से बहुत पहले 18 जुलाई, 2017 को चालू कर दिया गया । बीबीएमबी सचिवालय, सैक्टर-19 तथा एस एल डी सी बिल्डिंग,
इंडस्ट्रीयल एरिया, चण्डीगढ़ की छतों पर अधिष्ठापित किए गए 175 KWP सौर विद्युत संयंत्र का उदघाटन श्री वी.पी.सिंह बदनौर, माननीय राज्यपाल पंजाब तथा प्रशासक, यूटी, चण्डीगढ़ द्वारा किया गया और इसे राष्ट्र को समर्पित किया ।
हाइर्डो विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बीबीएमबी ने दिनांक 18.12.2018 को 220 केवी उपकेन्द्र जालंधर में, 100KWP और 220 केवी उपकेन्द्र, बीबीएमबी जमालपुर में, 60KWP की कुल क्षमता के ग्रिड कनैक्टड रूफ टाप सोलर ऊर्जा संयंत्रों को स्थापित करके नई उपलब्धि
हासिल की है ।
दिनांक 29.01.2019 को नरेला में 220 केवी उप-केन्द्र की कंट्रोल रूम की बिल्डिंग पर 20KWP सोलर रूफ टॉप पी वी संयंत्र और 220 केवी उप-केन्द्र दिल्ली कंट्रोल रूम की बिल्डिंग पर 80KWP के अधिष्ठापन का कार्य भी हो गया है ।
दिनांक 16.05.2019 को तलवाड़ा में 300KWP और दिनांक 01.062019 से 24.06.2019 के दौरान नंगल में 850KWP की कुल क्षमता के सोलर रूफ टॉप पी वी
संयंत्रों के अधिष्ठापन का कार्य भी हो गया है ।
पुराने ट्रांसफार्मरों को नये उच्च क्षमता के ट्रांसफार्मरों से बदलना
बीबीएमबी ने 220 केवी उप-केन्द्र, धूलकोट, जगाधरी तथा जांलधर में पुराने ट्रांसफार्मरों को नये 100 एमवीए रेटिंग के उच्च क्षमता के पावर ट्रांसफार्मरों के साथ बदलकर चालू किया ।
इन तीन पावर ट्रांसफार्मरों के चालू होने से विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की 24x7 विद्युत आपूर्ति की पहल के लक्ष्य में सहायता हुई है और इन क्षेत्रों के लोग अबाधित विद्युत आपूर्ति प्राप्त कर रहे हैं ।
निम्न स्तर निरीक्षण
पौंग बांध में दो सिंचाई सुरंगों (टी-1 व टी-2) हैं । पिछली बार निम्न स्तर निरीक्षण वर्ष 2010 में किया गया था ।
वर्ष 2017-18 के दौरान पौंग बांध की टी-2 सिंचाई सुरंग का निम्न स्तर निरीक्षण और मुरम्मत रिकार्ड 20 दिन के अंदर की गई जिसके लिए सामान्यत: 30 दिन निर्धारित हैं । सिंचाई सुरंग टी-1 के अनुरक्षण की योजना बनाई गई और अप्रैल, 2018 के दौरान की गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम
वर्ष 2017-18 के दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीबीएमबी स्टाफ को 16000 मानव दिवसों के लक्ष्य की तुलना में 18580 मानव दिवसों का लाभ मिला है।
वर्ष 2018-19 के दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीबीएमबी स्टाफ को 16000 मानव दिवसों के लक्ष्य की तुलना में 18359 मानव दिवसों का लाभ मिला है।
सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) में पहल
पिछले समय से संगठन को और अधिक कुशल बनाने के लिए कई सूचना प्रौद्योगिकी पहल जैसे पैंशन, सामान्य भविष्य निधि अतिम, आगंतुक पास प्रबंधन प्रणाली के लिए निगरानी प्रणाली और विधि मसलों के लिए आई एम एस की शुरूआत की गई है ।
बीबीएमबी ने भारत सरकार की राष्ट्रीय ई- गवर्नेस योजना के अंतर्गत मिशन मोड परियोजना के तहत उत्पादकता को बढ़ाने, सेवा की गुणवत्ता में पारदर्शिता तथा पेपर लैस डिजीटल सिस्टम को बढ़ावा देने हेतु ई-आफिस का कार्यान्वयन किया है । इससे सभी कागज़ आधारित फाइलिंग
तथा अनुमोदन प्रणाली को निपटाने में सहायता मिलेगी । ई-आफिस प्रणाली कार्य की क्षमता को बढ़ाएगी, इसके बड़े पर्यावरणीय लाभ है जैसा कि यह प्रणाली कार्यालयाधीन प्रयोग में प्रत्यक्ष फाइलों तथा कागजों के प्रयोग को समाप्त कर देगी ।
बीबीएमबी जन शक्ति मोबाइल एपलीकेशन
कर्मचारियों और जनता को सशक्त करने के लिए 2 अप्रैल, 2018 को श्री अजय कुमार भल्ला, सचिव (विद्युत) भारत सरकार द्वारा बीबीएमबी की मोबाइल एप्लीकेशन ’जन शक्ति’ का शुभारंम्भ किया गया । मोबाइल एप्लीकेशन बीबीएमबी कर्मचारियों को उनके वेतन, जीपीएफ, निजी एवं कार्यालीन
ब्यौरे उपलब्ध करा कर सशक्त करेगा और पब्लिक भी इस मोबाइल ऐप का प्रयोग कर बीबीएमबी की विद्युत और सिंचाई प्रणाली संबंधी तकनीकी सूचना/डाटा जैसे कि परियोजना अनुसार उत्पादन ब्यौरा, जलाशय स्तर, छोड़ा गया पानी, पिछले कई वर्षों की कैचमैंट क्षेत्रों में हुई वर्षा
संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकती है।
रेडियो अभियान
आम जनता को भाखड़ा बॉंध तथा बहुउदेशीय नदी घाटी परियोजानाओं के लाभों के प्रति जागरूक करने के लिए सचिव (विद्युत) भारत सरकार द्वारा भाखड़ा बांध पर शिक्षाप्रद रेडियो अभियान जारी किया गया ।
भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड का शिकायत निवारण तंत्र
बीबीएमबी में एक सुपरिभाषित शिकायत निवारण तंत्र स्थापित है । विशेष सचिव, बीबीएमबी को सम्पूर्ण भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के निदेशक/ शिकायत निवारण के रूप में पदनामित किया गया है । इसके अलावा प्रत्येक परियोजना स्टेशनों पर अधीक्षण अभियंता के रैंक के अधिकारी
शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त हैं ।
बीबीएमबी द्वारा वर्ष 2017-2018 तथा 2019 में जीते गए पुरस्कार
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बीबीएमबी ने ऊर्जा संरक्षण पर आयोजित राष्ट्र स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता में ’सर्वश्रेष्ठ राज्य नोडल अधिकारी श्रेणी’ के अन्तर्गत दिनांक 14.12.2019 को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया।
- बीबीएमबी को राजभाषा के सर्वोच्च सम्मान “कीर्ति पुरस्कार” से दिनांक 14.09.2019 को सम्मानित किया गया । ।
- दिनांक 04.01.2019 को हाइड्रो विद्युत क्षेत्र में “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली यूटीलिटी” तथा जल संसाधन के क्षेत्र में “सर्वोतम अनुरक्षित परियोजना” के लिए दो पुरस्कारों से सम्मानित किया गया ।
- दिनांक 14.12.2018 को राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में “सर्वोत्तम राज्य नोडल अधिकारी श्रेणी” तथा “सर्वोत्तम यू.टी. स्तर नोडल अधिकारी श्रेणी” के लिए दो राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए ।
- दिनांक 24.11.2018 को सर्वोत्तम हाइड्रो विद्युत उत्पादक पुरस्कार प्राप्त किया ।
- दिनांक 19.11.2018 को राजभाषा के कार्यान्वयन में तीन पुरस्कार जीते ।
- दिनांक 14.09.2018 को “राजभाषा कीर्ति” पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
- गृह पत्रिका “बीबीएमबी समाचार” के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया ।
- श्री वी.के.कालरा सदस्य (विद्युत) बीबीएमबी ने दिनांक 26.03.2018 को सराहनीय सेवाओं, उत्कृष्ठ प्रदर्शन तथा उल्लेखनीय भूमिका हेतु भारतीय अंतराष्ट्रीय फ्रैंडशिप सोसायटी से “भारतीय ज्योति पुरस्कार ” प्राप्त किया ।
- दिनांक 09.02.2018 को सरकारी कामकाज में हिन्दी भाषा के अधिकतम प्रयोग के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
- श्री डी.के.शर्मा, अध्यक्ष बीबीएमबी को दिनांक 03.01.2018 को भारतीय जल एवं विद्युत क्षेत्रों में विशेष मान्यता तथा योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
- दिनांक 16.12.2018 को ऊर्जा उत्पादक की श्रेणी में “राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार” से सम्मानित किया गया ।
- आधुनिक भारत के मंदिर “भाखड़ा बांध” को सर्वोत्तम अनुरक्षित परियोजना के रूप में राष्ट्र का अत्यन्त प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया । (50 से अधिक वर्षों से क्रियाशील)।
- अध्यक्ष बीबीएमबी को ‘उत्कृष्ठ नेतृत्व तथा भारतीय जल एवं विद्युत क्षेत्रों में असाधारण नेतृत्व एवं राष्ट्रीय स्तर के योगदान हेतु सीबीआईपी ‘विशेष मान्यता पुरस्कार’ प्रदान किया गया ।
- ऊर्जा उत्पादक की श्रेणी में अपनी उपलब्धियों के लिए इडियन ब्रेव हार्टस जोकि एक ISO 9001:2015 प्रमाणितकृत एन.जी.ओ है के द्धारा ‘’राष्ट्र गौरव पुरस्कार’’ से सम्मानित किया गया ।
- इंजी.बी.एस.सिंहमार, निदेशक/एचआरडी को ‘’ सर्वोत्तम राज्य नोडल अधिकारी श्रेणी’’ के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया ।
- भारत सरकार गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्धारा ‘ख’ क्षेत्र में अधिकतम सरकारी काममाज हिन्दी में करने के लिए भाखड़ा बांध प्रशासन को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया ।
खेल-कूद
बीबीएमबी का खेल-कूद के क्षेत्र में भी बराबर का विशेष योगदान रहा है और 7 राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं अर्थात टेबल टैनिस, क्रिकेट, कब्बडी, वॉलीबाल, एथलैटिक्स, बैडमिन्टन और शतरंज में विजेता रह कर कीर्तिमान बनाया है । यह कीर्तिमान पहले किसी पी एस यू ने नहीं
बनाया है । यह राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाएं पावर स्पोर्टस कंट्रोल बोर्ड टूर्नामैंट के तत्वधान में वर्ष 2017-18 में आयोजित की गई थी ।
पावर स्पोर्टस कंट्रोल बोर्ड, नई दिल्ली ने बीबीएमबी को एथलैटिक्स मीट आयोजित करवाने के लिए सर्वश्रेष्ठ आयोजक का पुरस्कार प्रदान किया ।
बीबीएमबी ने 30.01.2019 से 31.01.2019 तक नंगल टाऊनशिप में अंतर सीपीएसयू पुरूष व महिला एथलेटिक्स प्रतियोगता का आयोजन किया । बीबीएमबी ने दोनों पुरूष व महिला वर्ग में व्यक्तिगत टीम श्रेणियों में प्रथम स्थान प्राप्त किए ।
बीबीएमबी ने 19.09.2018 से 21.09.2018 तक ऋषिकेश में टीएचडीसी इंडिया द्वारा आयोजित अंतर सीपीएसयू वॉलीबाल प्रतियोगता में प्रथम स्थान प्राप्त किया । बीबीएमबी पिछले 22 वर्षों से लगातार यह प्रतियोगता जीत रहा है ।
बीबीएमबी ने 26.02.2019 से 28.02.2019 तक गोहाटी, असम में एनएचपीसी लिमिटेड द्वारा आयोजित अंतर सीपीएसयू कब्बडी प्रतियोगता में प्रथम स्थान प्राप्त किया । बीबीएमबी पिछले 21 वर्षों से लगातार यह प्रतियोगता जीत रहा है ।
बीबीएमबी ने दिनांक 22.11.2018 से 25.11.2018 और 04.02.2019 से 09.02.2019 तक अंतर सीपीएसयू क्रमश: टेबल टेनिस व क्रिकेट प्रतियोगता में द्धितिय स्थान प्राप्त किया ।
वृक्षारोपण
बीबीएमबी ने पर्यावरण सुधार और अधिक से अधिक पेड़ लगाने की अपनी वचनबद्धता के अंतर्गत नंगल में 27 एकड़ एरिया में “हर्बल गार्डन” स्थापित किया ।
बीबीएमबी ने विशेष पौधारोपण अभियान के अंतर्गत 3 घंटों के अंदर 11,000 पौधे लगाए, जिसका शुभारंभ सचिव ( विद्युत) विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने किया ।
बीबीएमबी ने कैलेन्डर वर्ष 2018-19 में 37400 पौधे रोपित किए, जिसमें 11,000 पौधे जो विशेष अभियान के अंतर्गत लगाए गए, भी शामिल हैं ।
पारेषण प्रणाली के क्षेत्र में आधुनिक चलन
बीबीएमबी 220 केवी बरनाला उप-केन्द्र का स्टेट ऑफ आर्ट दवारा स्वचालन करने के बाद भारत की विद्युत यूटीलिटीज़ के एलीट कल्ब में शामिल हो गया है । जिन्होनें पारम्परिक उप-केन्द्रों को दूरस्थ परिचालित उप-केन्द्रों में बदल दिया है, इस बरनाला स्वचालित उप-केन्द्र
का 220 केवी उप-केन्द्र संगरूर की परिसर से दूरस्थ परिचालन किया जा रहा है । बरनाला उप-केन्द्र का स्वचालन स्मार्ट उप-केन्द्र स्वचालन समाधानों के बारे में पहला कदम है ।
इस परियोजना के कई लाभ हैं जैसे कि द्रुत दोष विश्लेषण के कारण प्रणाली की विश्वसनीयता में वृद्धि, परिचालन और अनुरक्षण स्टाफ की सुरक्षा, डाउन टाइम में कमी,उच्च तकनीक वाले उपकरणों की सहायता से सुदूर रहते हुए उप-केन्द्र के स्वचालन की निगरानी इत्यादि ।
ऊर्जा संरक्षण का महत्व
भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 लागू किया है, जिसका उद्देश्य देश में ऊर्जा संरक्षण उपायों को बढ़ावा देने हेतु आवश्यक विधिक प्रणाली उपलब्ध कराने और अपने दुर्लभ ऊर्जा संसाधनों के अधिक कुशल प्रबंधन को बढ़ावा देना है ।
ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 को मध्य नज़र रखते हुए बीबीएमबी ने विद्युत मंत्रालय के तत्तवावधान में वर्ष 2005 में शुरू हुई चित्रकला प्रतियोगिता को पंजाब एवं हरियाणा राज्यों तथा एक संघीय क्षेत्र चण्डीगढ़ हेतु चित्रकला प्रतियोगिता का विशिष्टता से आयोजन कर
रहा है । इस चित्रकला प्रतियोगिता का उद्देशय स्कूली बच्चों, उनके अभिभावकों के साथ-साथ अध्यापकों को उर्जा संरक्षण के बारे में जागृत करना है ।
भारत के वीर
बीबीएमबी ने पुलवामा हमले के दौरान शहीद हुए सैनिकों के परिवारजनों के सहायतार्थ रूपये 1,28,50,000/- का ‘’ भारत के वीर’’ के पक्ष में योगदान दिया ।