19 फरवरी, 2020
भारत की प्रतिष्ठित बहुउद्देशीय परियोजना, भाखड़ा बांध, 22 अक्तूबर, 1963 को राष्ट्र को समर्पित की गई। यह बांध 56 वर्षों से अधिक अवधि से इसके भागीदार राज्यों को उनकी सिंचाई, विद्युत तथा पानी की जरूरतों को पूरा करने हेतु लगातार लगभग 16,000 मिलियन क्यूबेक मीटर
पानी तथा 6500 मिलियन यूनिट ऊर्जा की सालाना आपूर्ति कर रहा है। भाखड़ा बांध के बाएं एवं दाएं किनारे के दो विद्युत घर उत्तरी ग्रिड में 1379 मैगावाट विद्युत का योगदान देते हैं और यह ग्रिड विफलता की स्थिति में
"ब्लैक र्स्टाट पावर" की आपूर्ति में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
परियोजना के उत्कृष्ट रख-रखाव तथा प्रचालन और राष्ट्र के लिए इसकी सेवा को देखते हुए, केन्द्रीय सिंचाई एवं विद्युत बोर्ड (सीबीआईपी) ने उच्च स्तरीय ज्यूरी की सिफारिशों के आधार पर आधुनिक भारत के मन्दिर, ’भाखड़ा बांध’ को बीबीएमबी की "सर्वोत्तम अनुरक्षित
पन-बिजली विद्युत घर (50 वर्षों से अधिक क्रियाशील)" के रूप में अत्यन्त प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया। अध्यक्ष, बीबीएमबी के कुशल नेतृत्व में विस्तृत प्रनेखित अनुरक्षण कार्यक्रमों का कड़ाई से पालन करने, चौबीसों घंटे निगरानी करने और इसके रख-रखाव में
मरम्मत के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी तथा सामग्री का प्रयोग सुनिश्चित करने के कारण किया गया।
प्रशास्ति-पत्र में कहा गया है, "बीबीएमबी को पन-बिजली विद्युत घरों के सर्वश्रेष्ठ अनुरक्षण (50 वर्षों से अधिक क्रियाशील परियोजना) हेतु उनके कुशल संचालन और रख-रखाव के लिए नवीनतम तकनीकों और नवीन संमाधानों के उपयोग द्वारा राष्ट्र के लिए उत्कृष्ट योगदान के
लिए प्रदान किया जाता है।" श्री डी.के. शर्मा, अध्यक्ष, बीबीएमबी को "उनके समर्पण, अद्वितीय नेतृत्व, लम्बे समय से प्रतिष्ठित सेवा और भारतीय ऊर्जा क्षेत्र की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदा देने" के लिए राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार प्रदान किया गया।
ये दोनों पुरस्कार श्री डी.के. शर्मा, अध्यक्ष, बीबीएमबी को 19 फरवरी, 2020 नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में श्री रतन लाल कटारिया, माननीय जल शक्ति राज्य मंत्री, भारत सरकार द्वारा प्रदान किए गए।
अध्यक्ष, बीबीएमबी ने कर्मचारियों, तकनीकज्ञों तथा इंजीनियरों की समर्पित टीम को उनके अथक प्रयास के लिए आभार व्यक्त किया और उन्हें इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।